गुरुवार, 6 अगस्त 2015

श्रावन मास और सोमवार

मनुष्य जीवन बहुत ही मुश्किल से मिलता है पौराणिक शास्त्रों में कहा गया है कि 84 लाख योनियाँ पार कर आत्मा को यह पंचतत्व से मिश्रित श्रेष्ठशरीर मिलता है, जिसे हम मनुष्य शरीर कहते है । जिसका मुख्य उद्देश्य जीवन को मर्यादा और विभिन्न मार्गों का अनुशरण करते हुए आंतरीक प्राण आत्मा को इश्वर तत्व तक पहुचाना होता है।

शास्त्रों में महादेव को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले परम अराध्य देव के रुप में जाना जाता है और इसी कारण इन्हें भोलेनाथ के नाम से पुकारा जाता है। भक्तों द्वारा पुकारने व पूजा करने पर यह शीघ्र अति शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों के कष्टों का हरण कर देते है। और यदि व्यक्ति सच्चे मन से शिव का स्मरण करता है तो उसे भी भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है ।

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