भूसतह के नीचे जल स्त्रोत:-
भवन निर्माण के लिए एवं भौतिक सुख, स्वास्थ्य के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए सर्वप्रथम भूखंड में कुआँ, बोर-वेल, ट्यूब वेल या भूसतह के नीचे पानीका स्थान बनाना आवश्यक होता है । इसे ईशान में बनाना शुभ माना गया है । अन्य क्षेत्रों में बनानें से अशुभ प्रभाव प्राप्त हो सकते हैं । शास्त्रों में उनका प्रभाव निम्नाशार वर्णित है ।
भवन निर्माण के लिए एवं भौतिक सुख, स्वास्थ्य के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए सर्वप्रथम भूखंड में कुआँ, बोर-वेल, ट्यूब वेल या भूसतह के नीचे पानीका स्थान बनाना आवश्यक होता है । इसे ईशान में बनाना शुभ माना गया है । अन्य क्षेत्रों में बनानें से अशुभ प्रभाव प्राप्त हो सकते हैं । शास्त्रों में उनका प्रभाव निम्नाशार वर्णित है ।
१. दक्षिण में अग्नि भय
२. आग्नेय में शत्रु भय
३. नैऋत्य में स्त्रियों में झगड़ा
४. पश्चिम में स्त्रियों में दोष, निर्लज्जता
५. वायव्य में निर्धनता
६. उत्तर में धनवृद्धि
७. ईशान में वंशवृद्धि व संपन्नता
८. पूर्व में बच्चों के लिए कठिनाई
यदि किसी कारण वश बोर-वेल का पानी किसी अन्य दिशा में प्राप्त हुआ है,
तो ईशान में पानी की टंकी, ज़मीन की सतह के अंदर बनाकर पानीको पंप द्वारा ओवर हेड टैंक
में भरें एवं प्रयोग करें ।
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