मंगलवार, 6 जनवरी 2015

Part-1 वास्तु विज्ञान​ (Architectural Science)

दिशा, दशा सुधारती है

1. पूर्व (East): प्रात:कालीन पूर्व दिशा से उदयमान सूर्य नई रोशनी लाकर अंधकार को दूर कर, आपकी दिनचर्या को आगे बढाने के लिए नई स्फूर्ति लेकर आता है। अत: सूर्य भगवान के लिए पूर्व कि सभी खिड़कियाँ और दरवाज़े प्रात: काल में खोलकर रखें ।

2. पश्चिम (West): पश्चिम दिशा की ओर बैठकर कोई निर्णय न लें, हो सकता है आपको पछताना पड़े, वरुण देवता पश्चिम दिशा के अधिपति हैं। 

3. उत्तर (North): उत्तर दिशा आपके सभी प्रश्नों के उत्तर देती है, आपकी उलझनों को सुलझाती है । यह दिशा आपको एवं आपके विचारों को नई स्फूर्ति प्रदान करती है । वतावरण में चुंबकीय तरंगें उत्तर से सक्षिण की ओर प्रवाहित होती हैं । अत: उत्तर मुखी होकर बैठना आपके लिए उपयुक्त है । कुबेर (धनका स्वामी) इस दिशा के अधिपति हैं । उत्तर दिशा की खिड़कियों को खोलकर रखें और कुबेर का स्वागत करें, घर में ऊर्जा एवं धन के प्रवेशको सहज बनाएँ ।

4. दक्षिण (South): दक्षिण अर्थात दक्षिणा देना, कुछ गँवाना। अत: दक्षिण दिशा की ओर बैठकर कोई कार्य न करें । अन्यथा स्वास्थ्य एवं धन की हानि हो सकती है।

5. पाताल (Nadilr): भूसतह के अंदर का भाग सुदृण है आपकी नींव यदि मजबूत है। तो आपके विचार सुदृढ होंगे । अत: भूतल के नीचे निवास न बनाएँ, अपने को ऊपर उठाएँ, गढ्ढे में न डालें ।

6. आकाश (Zenith): आकाश का अर्थ है ऊँचाई, ऊँचाई भवन को उपलब्ध कराती है। हमारे लिए कार्य करने के लिए उपयुक्त जगह उपलब्ध कराती है। हमारे  लिए कार्य करने के लिए उपयुक्त जगह उपलब्ध होती है । जीवनदायिनी अंतरिक्ष ऊर्जा हमें आकाश से ही प्राप्त होती है । अत: जीवन में उपयुक्त उँचाई पाने के लिए भवन को भी उपयुक्त ऊँचाई नियमानुसार उपलब्ध कराएँ।

जानें आपका घर कौन सा मुखी है :
बहुत से लोगों को यह जानने में कठिनाई होती है कि उनका घर वास्तु नियमों के अंतर्गत किस दिशा में स्थित है । कौन सा मुखी है ।

       अत​: जब आप अपने घर से मुख्य सड़क की ओर निकलते हैं और निकलते समय जो दिशा आपके सामने है वही दिशा है, जिस पर आपका भवन स्थित है । उदाहरण के लिए जब आप अपने घर से बाहर निकलते हैं और इसी दिशा में प्रात​: कालीन सूर्य उदय होता है । तो समझिए आपका घर पूर्व मुखी है । आपके दाएँ हाथ पर दक्षिण दिशा है, बाएँ हाथ पर उत्तर दिशा है और आपकी पीठ की ओर पश्चिम दिशा  है । चुंबकीय कंपास से दिशा ज्ञान आसानी से किया जा सकता है ।

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