शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

सावन मास का महत्व: 1

सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार बारह महीनों में प्रत्येक महीना अलग-अलग देवताओं के लिए समर्पित है, जैसे कार्तिक माह श्रीकृष्ण का, भाद्रपद श्रीगणेश का, माघ मास भगवान विष्णु का इसी प्रकार पूरा श्रावण भगवान शिव की उपसना के लिए बताया गया है । हम यहाँ सावन (श्रावण) माह से जुड़ी महत्वपूर्ण विषय में जानेंगे ।

ज्योतिष के अनुसार श्रावण मास का सम्बन्ध श्रवण नक्षत्र से है, इस मास की पूर्णिमा का उदय श्रवण नक्षत्र में होता है । मास के दौरान या पूर्णिमा के दिन आकाश में श्रवण नक्षत्र का योग बनता है इसलिए श्रवण नक्षत्र के नाम से इस माह का नाम श्रावण हुआ। श्रावण मास का प्रारंभ इस वर्ष 1st अगस्त, शनिवार से हो रहा है जो 29th अगस्त, शनिवार तक रहेगा। यह महीना भगवान शंकर की भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस मास में विधि पूर्वक शिव उपासना करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है ।

इस माह में भक्ति, आराधना तथा प्रकृति के कई रंग देखने को मिलते हैं।सावन की रिमझिम बारिश और प्राकृतिक वातावरण मन में उल्लास व उमंग भर देती है । अगर यह कहा जाए कि सावन का महीना पूरी तरह से शिव तथा प्रकृति को समर्पित है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी । अगले पोस्टमें जानेंगे- श्रावण में शिव उपासना क्यों?

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